उत्तराखंड हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को रानीखेत रोग के नाम पर विचार करने और उसका दूसरा नाम सुझाने का निर्देश दिया।रानीखेत उत्तराखंड के खूबसूरत पर्यटक स्थलों में से एक माना जाता है। यहां भारी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।
रानीखेत के नाम पर एक बीमारी का नाम भी पड़ गया है। इसको लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को रानीखेत रोग के नाम पर विचार करने और उसका वैकल्पिक नाम सुझाने के लिए निर्देश जारी किया है। राज्य सरकार इस मामले में आगामी 27 जून तक जवाबी हलफनामा दायर करेगी। इस प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश ऋतु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की युगलपीठ में विगत 07 मई को हुई, लेकिन आदेश की प्रति आज मिल पाई
रानीखेत निवासी सतीश जोशी की ओर से एक जनहित याचिका दायर कर कहा गया कि पहाड़ों की रानी मंसूरी, नैनीताल के समान रानीखेत उत्तराखंड का बेहद खूबसूरत हिल स्टेशन है। देश और विदेश में पर्यटक इसके दीदार करने के लिये प्रतिवर्ष यहां आते हैं। पौराणिक काल से इसे रानीखेत के नाम से जाना जाता है। ब्रिटिश काल में पक्षियों और मुर्गियों में पाये जाने वाली विषाणुजनित रोग को रानीखेत रोग का नाम दे दिया गया है। इससे पर्यटक नगरी रानीखेत का नाम बदनाम होता है। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से रानीखेत रोग का नाम बदलने की मांग की गयी। प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि इस मामले में राज्य सरकार की भूमिका नगण्य है।
वैकल्पिक नाम रखने के मामले में केन्द्र सरकार आवश्यक कदम उठा सकती है।इस मामले पर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अंत प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह रानीखेत की जगह बीमारी के किसी दूसरे नाम को लेकर इस रोग के संबंध में वैकल्पिक नाम सुझाए। सरकार को आगामी 27 जून तक जवाबी हलफनामा देना है। उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद देखना अब यह है कि प्रदेश सरकार इस मामले में अब क्या कदम उठाती है।