रुड़की: उत्तराखंड के हरिद्वार से बांग्लादेशी नागरिक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद से खुफिया विभाग और पुलिस अलर्ट मोड़ पर है. पुलिस बांग्लादेशी नागरिक से पूछताछ कर रही है. बताया जा रहा है कि बांग्लादेशी नागरिक बार-बार अपने बयान बदल रहा है.

 

हरिद्वार की रुड़की कोतवाली पुलिस ने पहचान बदलकर चोरी छिपे रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, रविवार को रुड़की सिविल लाइन कोतवाली क्षेत्र के ढंडेरा गांव क्षेत्र में कुछ लोगों ने एक संदिग्ध व्यक्ति को बीईजी आर्मी एरिया के आसपास घूमते हुए देखा. लोगों को उसकी बोलचाल पर शक हुआ. जिसके बाद लोगों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और संदिग्ध को पूछताछ के लिए कोतवाली लेकर आ गई.

 

IIT रुड़की से बुलाना पड़ा बांग्ला एक्सपर्ट: पुलिस के बताया कि संदिग्ध की भाषा विदेशी थी जो कि संभवत: बांग्ला भाषा लग रही थी. मौके पर कोई भी व्यक्ति बांग्ला भाषा का जानकार नहीं था, जिसपर पुलिस टीम द्वारा आईआईटी रुड़की से बांग्ला भाषा की जानकारी रखने वाले आईआईटी रुड़की के सुरक्षा अधिकारी देवाशीष भौमिक को बुलाया. इसके बाद संदिग्ध से बांग्ला भाषा में नाम पता पूछा तो बांग्लादेशी नागरिक ने अपना नाम रहीमुल पुत्र वासूमुल निवासी हाकिमपुर पाबना राजशाही, बांग्लादेश उम्र 50 वर्ष बताया.

चोरी छिपे भारत की सीमा में दाखिल हुआ: बांग्लादेशी नागरिक ने आगे बताया कि, वह 3 महीने पहले बांग्लादेश से पैसे कमाने बैनापुर बॉर्डर चोरी से पार करके भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के नार्थ 24 परगना जिले में दाखिल हुआ. यहां से जम्मूतवी ट्रेन से मुर्शिदाबाद सियालदह होते हुए कोलकाता (पश्चिम बंगाल) आया और दो-तीन महीने से भारत में जगह-जगह घूम रहा था. बांग्लादेशी ने आगे बताया कि, ‘मैंने सुना था कि कलियर में उर्स मेला चलने वाला है तो मैं ट्रेन से आज रूड़की आ गया और रहने की व्यवस्था के संबंध में ढंडेरा में घूम रहा था. जब तक कलियर में उर्स का मेला शुरू नहीं होता तब तक मैं रुड़की में ही रहता.

रुड़की क्षेत्र से पहले भी पकड़े जा चुके हैं कई बांग्लादेशी: रुड़की और पिरान कलियर क्षेत्र से पूर्व में भी कई बांग्लादेशी नागरिक पकड़े जा चुके हैं. जिनमें से कुछ तो जेल में हैं और कुछ को पुलिस बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश करा चुकी है. पुलिस और खुफिया विभाग की मानें तो रुड़की और पिरान कलियर से पिछले पांच साल में तीन बांग्लादेशी पकड़े जा चुके हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *