रुड़की –हरिद्वार जिले की मंगलौर कोतवाली पुलिस ने एक फर्जी अस्पताल का भंडाफोड़ किया है, दरअसल मानकों को ताक पर रखकर अस्पताल संचालित किया जा रहा था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को इस फर्जी अस्पताल की कानों-कान तक खबर नहीं हुई, वहीं पुलिस ने फर्जी रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज तैयार कर फर्जी अस्पताल चलाने वाले संचालक को गिरफ्तार किया है, इसी के साथ पुलिस आरोपी के खिलाफ विधिक कार्यवाई में जुटी हुई है।

बताते चलें, हरिद्वार जिले में फर्जी अस्पतालों का संचालन बेधड़क चल रहा है, फर्जी अस्पताल संचालकों पर संबंधित विभाग की मेहरबानी किसी से छुपी नहीं है, वहीं फर्जी अस्पतालों को लेकर लगातार हो रही शिकायतों के बाद भी प्रशासन नींद से नहीं जाग रहा है, ऐसे में एक अस्पताल ऐसा सामने आया है जो प्रशासन की नजरों से बिल्कुल ओझल था।

ऐसे हुआ फर्जी अस्पताल का भंडाफोड़

दरअसल बीती 7 जनवरी को देहरादून निवासी शिकायतकर्ता विपिन कुमार नामक व्यक्ति ने मंगलौर पुलिस को तहरीर देकर बताया था कि मंगलौर कस्बे में डॉक्टर पूर्णिमा कुमारी के नाम पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराकर कूट रचित दस्तावेज तैयार कर (जीवन धारा) नाम का अस्पताल खोला गया है, तहरीर के आधार पर पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई, इसके बाद एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र डोबाल ने एसपी देहात स्वप्न किशोर सिंह और सीओ मंगलौर विवेक कुमार के पर्यवेक्षण पर मंगलौर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक शांति कुमार को टीम में शामिल करते हुए टीम का गठन किया गया, जिसके बज़्ड पुलिस टीम ने जांच का दायरा बढ़ाया तो सामने आया कि फर्जी (जीवन धारा) अस्पताल में किसी मरीज द्वारा अपना इलाज कराया गया था, इलाज का इंश्योरेंस लेने के लिए संबंधित डॉक्टर से इंश्योरेंस कंपनी द्वारा संपर्क किया गया तो डॉक्टर पूर्णिमा कुमारी के नाम पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कर अस्पताल का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी की धर पकड़ के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, इस दौरान पुलिस ने एक मुन्ना भाई को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की, पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना नाम निजाम पुत्र आबिद निवासी मलकपुरा कोतवाली मंगलौर बताया, वहीं पुलिस अब आरोपी के खिलाफ विधिक कार्यवाई में जुटी हुई हैं।

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