विकासनगर: लोकतंत्र के इस महापर्व पर एक ओर जहां देश में पहले चरण के लिए मतदान चल रहा है वहीं उत्तराखंड में चल रहे इस पहले चरण के चुनाव में टिहरी संसदीय क्षेत्र के चकराता विधानसभा क्षेत्र के 12 गांव के लोग पूर्णतया चुनाव बहिष्कार के निर्णय पर अडिग हैं, ग्रामीणों का कहना है कि विगत पिछले तीन दशक से ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है, उक्त मोटर मार्ग को लेकर पिछले कई सालों से ग्रामीणों द्वारा विभागीय अधिकारियों और क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को लिखित एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से अवगत करा चुके हैं, साथ ही चुनाव बहिष्कार को लेकर भी शासन प्रशासन को पूर्व में ही अवगत करा दिया गया था, लेकिन बावजूद इसके आज तक कोई ठोस आश्वासन ग्रामीणों को नहीं मिल पाया है, ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसके बावजूद भी शासन प्रशासन नहीं जागा तो आने वाले पंचायत और विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार जारी रहेगा।
वहीं आज मतदान के दिन जिला परियोजना प्रबंधक रीप एवं खंड विकास अधिकारी चकराता ने भी ग्रामीणों को मतदान करने के लिए समझाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीण चुनाव बहिष्कार करने की बात पर अडिग है, वहीं प्राथमिक विद्यालय मिण्डाल बूथ संख्या 82 पर मौजूद पीठासीन अधिकारी रतनदीप श्रीवास्तव का कहना है कि अभी तक इस बूथ पर एक भी मत नहीं डाला है वह लोगों से बातचीत कर लोकतंत्र में भागीदारी कर वोट डालने के लिए समझाने का प्रयास कर रहे हैं, बताते चलें कि यहां पर 12 गांवों के लोगों द्वारा 5 बूथों पर 3 हजार से अधिक मतदाताओं ने मतदान करना था लेकिन चुनाव बहिष्कार के चलते सन्नाटा पसरा हुआ है।