देहरादून – मलिन बस्ती दीपनगर से बुलडोजर चला तो कभी न भरने वाले जख्म दे गया। अपनी छत गंवाने के बाद मेहनतकश उसी मलबे पर तिरपाल लगाकर बैठे हैं। रात जागकर तो दिन धूप से बचाने के लिए लगाए गए तिरपाल के नीचे बीता। घरों में चूल्हा नहीं जला और परिवार भूखे सो गए। पड़ोसियों ने खाना खिलाने की कोशिश की, लेकिन एक भी निवाला उनके गले नहीं उतरा। रिस्पना किनारे अतिक्रमण की जद में आए आठ घरों में रहने वाले परिवारों की रात-दिन कुछ ऐसे बीता।
दरअसल, मंगलवार की सुबह नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण की जद में आए आठ घरों को जमींदोज कर दिया था। इस कार्रवाई के दौरान इन मकानों में रहने वाले सात परिवार बेघर हो गए थे। जबकि एक मकान खाली था और उसमें कोई नहीं रहता था। सात बेघर परिवारों का सामान नदी किनारे ही रखा है। इन लोगों ने नगर निगम की टीम से कहा कि मेहनत मजदूरी कर मकान बनाए थे।
अब मर जाएंगे, लेकिन जगह नहीं छोड़ेंगे। इसी उम्मीद से परिवारों के लोग नदी किनारे बैठे हैं। छोटे बच्चे भी कार्रवाई की मार को झेल रहे हैं। बस्ती के लोगों का कहना है कि इन परिवार के लोगों ने मंगलवार की शाम से कुछ नहीं खाया। रात उनकी किसी तरह बीत गई, लेकिन बुधवार सुबह से ही सूरज ने आंख दिखाई तो बच्चों का बुरा हाल हो गया। जिसके बाद तिरपाल का इंतजाम कर इन लोगों ने उसके नीचे अपना दिन बिताया।