देहरादून में स्थानीय चुनावों के दौरान एक वार्ड की मेयर सीट पर चर्चा जोरों पर है, जहाँ 20 वर्षों से अमिता की अजेय स्थिति कायम है। अमिता ने लगातार इस वार्ड का प्रतिनिधित्व किया है और इस दौरान उन्हें व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है। उनका राजनीतिक प्रभाव इस सीमा तक मजबूत है कि वह किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम रही हैं। उनके द्वारा किए गए कार्य और क्षेत्र में उनकी सक्रियता ने उन्हें स्थानीय जनता में एक स्थिर और भरोसेमंद नेता के रूप में स्थापित किया है।
हालांकि, इस बार कांग्रेस ने कड़ी चुनौती पेश करने की योजना बनाई है। पार्टी का मानना है कि जनता में बदलाव की लहर है और अब समय आ गया है जब अमिता की सत्ता को चुनौती दी जा सकती है। कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार को इस वार्ड में उतारकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी की है, और उनका लक्ष्य अमिता का किला भेदना है। पार्टी का मानना है कि अब समय आ गया है जब स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देकर इस अजेय स्थिति को बदलने का अवसर है।
यह चुनावी मुकाबला दिलचस्प रहेगा, क्योंकि दोनों पक्ष अपनी-अपनी दावेदारी को मजबूती से पेश कर रहे हैं।