अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को सुमन पार्क से जिला अधिकारी कार्यालय तक विशाल रैली निकाली। सरकार से अपनी 10 सूत्रीय मांगों के शीघ्र समाधान की अपील करते हुए उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि वे कई वर्षों से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत हैं, लेकिन अब तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी मांगें केवल न्याय संगत नहीं हैं, बल्कि उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए भी आवश्यक हैं।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की प्रमुख मांगें
1. मानदेय में वृद्धि: कार्यकर्ताओं का मानदेय प्रतिदिन ₹600 के हिसाब से ₹18,000 किया जाए और सीनियरिटी के आधार पर 15 वर्षों की सेवा पूरी करने पर वार्षिक वृद्धि सुनिश्चित की जाए।
2. सेवानिवृत्त धनराशि: सेवानिवृत्त होने पर प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकत्री को ₹10 लाख की धनराशि प्रदान की जाए ताकि वे अपनी सेवानिवृत्ति के बाद जीवन यापन सुचारू रूप से कर सकें।
3. सहायिकाओं की पदोन्नति आंगनबाड़ी सहायिकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ती के पद पर पदोन्नति देने के लिए इंटर पास को प्राथमिकता दी जाए। उसी केंद्र की सहायिका को पहली प्राथमिकता दी जाए, और आयु सीमा में छूट दी जाए।
4. सेवानिवृत्ति आयु आंगनबाड़ी कार्यकत्री की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष की जाए।
5. गोल्डन कार्ड जारी: कार्यकत्री को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए गोल्डन कार्ड जारी किया जाए।
6. मोबाइल सुविधा: कार्यकत्री को विभागीय काम के लिए अच्छे गुणवत्ता वाले फोन प्रदान किए जाएं, जिनमें अधिक RAM हो और रिचार्ज की राशि ₹166 से बढ़ाकर ₹400 की जाए।
7. पोषण ट्रैकर: पोषण ट्रैकर पर डाटा फीड करने के लिए कार्यकर्ताओं को 25 दिनों का समय दिया जाए ताकि नेटवर्क की समस्या के कारण मानदेय कटौती न हो।
8. **यात्रा भत्ता:** कार्यकत्री को यात्रा भत्ता और दुलान भत्ता छह महीने के भीतर उपलब्ध कराया जाए।
9. केंद्रों का किराया: निजी भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को स्थानांतरित न किया जाए जब तक कि विभाग द्वारा किराए का भुगतान सुनिश्चित न हो। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ₹1000 और शहरी क्षेत्रों के लिए ₹4000 प्रति माह मकान मालिक के खाते में जमा किया जाए।
10. अन्य विभागीय कार्य: आंगनबाड़ी कार्यकत्री से अन्य विभागीय कार्य न लिए जाएं और कोई भी केंद्र बिना उचित व्यवस्था के खाली न कराया जाए।
रैली के बाद कार्यकत्रियों ने कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्री की इस रैली ने स्थानीय प्रशासन और सरकार के सामने एक गंभीर चुनौती पेश कर दी है। अब देखने वाली बात यह होगी कि उनकी मांगों पर कब तक कार्रवाई होती है।