मसूरी: उत्तराखंड में सड़क हादसा हुआ है. मसूरी-देहरादून मार्ग पर गजी बैंड के पास सुबह के समय एक ट्रक खाई में जा गिरा. ट्रक में सवार तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. स्थानीय लोगों और पुलिस की मदद से ट्रक के चालक और दो व्यक्तियों को खाई से निकालकर 108 एंबुलेंस के माध्यम से उप जिला चिकित्सालय भेजा गया.

मसूरी-देहरादून मार्ग पर खाई में गिरा ट्रक: पुलिस ने मौके पर पहुंच कर दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने बताया कि सीमेंट के बोरों से भरा ट्रक मोड़ पर अनियंत्रित हो गया. सड़क किनारे पैराफिट को तोड़ते हुए ट्रक खाई में जा गिरा. उन्होंने बताया कि ट्रक (यूके 17 सीए 4014) दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. हादसे के समय ट्रक में चालक सहित तीन लोग सवार थे. सभी घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से उप जिला चिकित्सालय मसूरी भेजा गया, जहां उनका उपचार चल रहा है.

ये लोग हुए घायल: पुलिस ने बताया की चालक मोहम्मद दानिश (उम्र 26 वर्ष), निवासी हरिजन कॉलोनी, छुटमलपुर, सहारनपुर (उत्तर प्रदेश), राजेश (उम्र 45 वर्ष), निवासी ग्राम भराटी, पोस्ट ऑफिस भराटी, थाना सिमर, जिला दरभंगा, बिहार, वर्तमान में सब्जी मंडी, निरंजनपुर, पटेल नगर हैं. साथ ही विनय यादव (उम्र 40 वर्ष), निवासी लोहिया नगर, ब्रह्मपुरी, सब्जी मंडी, निरंजनपुर, पटेल नगर घायल हो गए.

बुधवार को नैनीताल में हुआ था हादसा: बुधवार को नैनीताल जिले में भी हादसा हुआ था. पिथौरागढ़ से हल्द्वानी आ रही कुमाऊं मोटर्स ऑनर्स यूनियन की बस हल्द्वानी-नैनीताल रोड पर वीर भट्टी के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. बस हादसा होते ही यात्रियों में चीख पुकार मच गई थी. नैनीताल जिले में हुई इस दुर्घटना का कारण बस के ब्रेक फेल होना बताया गया था. अच्छी बात ये रही थी कि चालक शंकर नाथ की सूझबूझ के चलते यात्रियों की जान बच गई. इस बस में 30 यात्री सवार थे. यात्रियों को लगी हल्की-फुल्की चोटों का प्राथमिक उपचार करके उन्हें हल्द्वानी भेजा गया था.

उत्तराखंड में वर्ष 2023 में कुल 1691 सड़क हादसे हुए थे. वर्ष 2024 में 1747 दुर्घटनाएं दर्ज की गई थी. आंकड़ों के अनुसार, 2024 में 1090 लोगों की जान गई थी. 1547 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. 2025 में भी हादसों का सिलसिला जारी है.

 

उत्तराखंड में क्यों होते हैं इतने हादसे? दरअसल उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है. यहां की सड़कें घुमावदार हैं. यही कारण है कि यहां कई हादसे हो जाते हैं. कई बार मैदानी इलाकों के ड्राइवर जो यहां वाहन चलाने के अभ्यस्त नहीं होते, वो भी हादसों का कारण बनते हैं. इसके अलावा लगातार वाहन चलाने से थकान के कारण ड्राइवर को झपकी आना भी हादसों का कारण है. शराब पीकर वाहन चलाना सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है. कई बार अंडर एज वाले ड्राइवर भी हादसे का कारण बन जाते हैं. इन दिनों कई बार ड्राइवर को मोबाइल पर भी व्यस्त देखा जाने लगा है, जो हादसे का कारण बन सकता है. कई बार एक-दूसरे से आगे निकलने के कंपटीशन में भी हादसे होते हैं. गाड़ी में तेज आवाज में गाने बजाने से दूसरी तरफ से आ रहे वाहन के हॉर्न का पता नहीं चलता, जो हादसे कई बार हादसे का कारण बनता है.

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