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रुड़की के ठसका गांव में ड़ेंगू का कहर, संख्या पहुंची 35, स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 106 बुखार पीड़ितों के लिए सैंपल

रुड़की: हरिद्वार जिले में नारसन ब्लॉक के ठसका गांव में पिछले एक सप्ताह से ड़ेंगू ने अपना कहर बरपाया हुआ है, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक डेंगू पीड़ितों की संख्या 35 पहुंच गई है, हालांकि सवास्थ्य विभाग द्वारा गांव में कैम्प लगाकर लगातार जांच की जा रही है, शुक्रवार को भी बुखार से पीड़ित 106 मरीजों के खून के सैंपल लिए गए, जिनमें से 13 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, सभी मरीजों की एलाइजा जांच कराई जा रही है, इसी के साथ 172 बुखार से पीड़ित मरीजों को दवा दी गई है, गांव में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव व फॉगिंग कराई जा रही है।

 

बताते चलें, अक्टूबर का महीना अंतिम चरण पर है और इस सीजन में यदि डेंगू फैला भी होता तो भी खत्म होने लगता है, हालांकि इस सीजन में डेंगू के कहर ने स्वास्थ्य विभाग को अचरज में डाल दिया है, दरअसल मंगलौर कस्बे के नारसन स्थित ठसका गांव में इस समय डेंगू ने अपना कहर बरपाया हुआ है, वहीं हालत यह है कि हर दूसरे घर में बुखार से पीड़ित मरीज हैं, हालांकि दो दिन पहले स्वास्थ्य विभाग की ओर से शिविर लगाकर बुखार से पीड़ित मरीजों के खून के सैंपल लिए गए थे, जिनमें से 13 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है, ठसका गांव में डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या अब तक 35 पहुंच गई है,

 

वहीं शुक्रवार को हरिद्वार से एसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा के नेतृत्व में 15 चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम ठसका गांव में पहुंची, जहां पर टीम ने गांव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया, वहीं टीम द्वारा शिविर और घर-घर जाकर 172 बुखार से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई, इसी के साथ टीम द्वारा दवाएं भी दी गईं, वहीं टीम द्वारा 106 मरीजों के खून के सैंपल भी लिए गए जिनकी एलाइजा जांच कराई जा रही है, वहीं टीम द्वारा जांच के दौरान आठ बुखार पीड़ित मरीजों की हालत ज्यादा खराब होने के चलते उन्हें सरकारी एंबुलेंस से रूड़की सिविल अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती कराया गया है, गौरतलब है कि लगातार गांव में हो रही डेंगू के मरीजों की बढ़ोतरी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव में डेरा डाला गया है, टीम द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य की जांच के साथ-साथ दवाएं भी दी जा रही हैं।

 

वहीं मरीजों के परिजनों ने आरोप लगाया कि एक और तो सवास्थ्य विभाग ड़ेंगू के इलाज की पूरी सुविधाओं का दावा कर रहा है, लेकिन रूडकी सिविल अस्पताल में भर्ती कराए गए मरीजों को बाहर से दवाई लिखी जा रही है।

 

वहीं नारसन सवास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आनन्द श्रीवास्तव ने बताया कि आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी व डेंगू वॉलंटियर्स टीमें घर-घर जाकर डेंगू का लार्वा तलाश कर रही हैं, साथ ही कीटनाशक दवाओं का छिड़काव भी किया जा रहा है जल्द ही पूरी स्थिति पर काबू पा लिया जाएगा, उन्होंने बताया कि शुक्रवार को 459 घरों में सोर्स रिडक्शन और जनजागरण का काम किया गया, इसी के साथ सभी को डेंगू उपचार और बचाव की जानकारी दे रहे है।

 

वहीं ग्राम प्रधान अजयवीर सिंह ने बताया कि गांव में बुखार पीड़ित मरीजों की संख्या काफी अधिक है, आठ मरीजों को डॉक्टरों ने रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है और 50 से अधिक बुखार पीड़ित ऐसे हैं जिनका उपचार निजी अस्पतालों में चल रहा है।

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