आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने चिकनगुनिया के इलाज के लिए एक नई संभावना का अध्ययन किया है। चिकनगुनिया मच्छर जनित एक वायरल रोग है जो बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द और चकत्ते जैसी समस्याएं उत्पन्न करता है। वर्तमान में इस बीमारी का कोई विशेष एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं है। आईआईटी रुड़की के शोधकर्ताओं ने पाया कि एचआईवी के इलाज में प्रयुक्त दवा इफाविरेंज चिकनगुनिया के वायरस की प्रतिकृति को कम करने में प्रभावी हो सकती है। उनका शोध इन विट्रो और चूहों के मॉडल में इस दवा की प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है।

नेशनल सेंटर फॉर वेक्टर-बॉर्न डिजीज कंट्रोल के अनुसार, चिकनगुनिया भारत में एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है, और हर साल इसके कई मामले रिपोर्ट होते हैं। अध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. संकेत नेहुल ने बताया कि इफाविरेंज वायरस की प्रतिकृति के प्रारंभिक चरण में हस्तक्षेप कर सकता है, जिससे इसकी चिकनगुनिया के इलाज में संभावित उपयोगिता हो सकती है। यह दवा पहले से ही एचआईवी उपचार में प्रयोग की जाती है, और इसके नैदानिक परीक्षण से चिकनगुनिया के इलाज के लिए नई दिशा मिल सकती है।

प्रोफेसर शैली तोमर ने इस अध्ययन के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि इफाविरेंज चिकनगुनिया के इलाज के लिए एक संभावित दवा हो सकती है, लेकिन इसके प्रभाव को प्रमाणित करने के लिए आगे के परीक्षण आवश्यक हैं।

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