रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम की यात्रा में घोड़े-खच्चरों के संचालन पर लगी रोक अब धीरे-धीरे हटाई जा रही है. इक्वाइन इन्फ्लुएंजा वायरस डिजीज (ईआईवीडी) के चलते यात्रा में इन पशुओं के इस्तेमाल पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन अब पशुपालन विभाग, जिला प्रशासन की सतर्कता और सक्रिय निगरानी के चलते हालात में सुधार आने लगा है.

 

केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चरों के संचालन से तीर्थयात्रियों को मिली राहत: दरअसल, पशुपालन विभाग ने कुछ दिन पहले कुछ घोड़े-खच्चरों को ट्रायल बेस पर यात्रा मार्ग में भेजा था. यह ट्रायल सफल रहा और इसमें शामिल पशुओं में संक्रमण के कोई लक्षण नहीं पाए गए. इसके बाद प्रशासन ने चरणबद्ध तरीके से यात्रा मार्ग पर जांच रिपोर्ट में निगेटिव पाए गए घोड़े-खच्चरों की आवाजाही की अनुमति देना शुरू कर दिया है.

इक्वाइन इन्फ्लुएंजा से राहत के बाद 3,410 घोड़े-खच्चरों का हो रहा संचालन: बीती रविवार को पशुपालन विभाग ने पूरी सतर्कता के साथ 1,670 घोड़े-खच्चरों को यात्रा के लिए रवाना किया. जबकि, सोमवार को 3,410 घोड़े-खच्चरों का संचालन किया गया. सीवीओ डॉ. आशीष रावत ने बताया कि सभी पशुओं की स्वास्थ्य जांच की जा रही है और केवल स्वस्थ एवं पूरी तरह फिट घोषित पशुओं को ही यात्रा मार्ग पर भेजा जा रहा है.

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 3 स्थानों पर बनाए गए हैं पशु जांच केंद्र: विभाग की टीम यात्रा मार्गों पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं. ताकि, किसी भी अप्रिय या आपात स्थिति से बचा जा सके. यात्रा मार्ग पर भी 3 स्थानों पर पशु जांच केंद्र बनाए गए हैं, जिससे घोड़े-खच्चरों के स्वास्थ्य पर निरंतर निगरानी रखी जा सके. जिला प्रशासन और केदारनाथ यात्रा प्रबंधन से जुड़े अधिकारी भी पशुपालन विभाग के सहयोग से हालात पर नजर रखे हुए हैं. चारधाम तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *