आबकारी विभाग के अधिकारी इन दिनों विभाग की जमकर फजियत करवा रहे है। विभाग के अधिकारी काम में कम और राजधानी के एक विशेष इलाके के चक्कर ज्यादा काटने में व्यस्त हैं जिसके चलते शराब तस्कर और माफिया दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं, तो वहीं विभाग की गाड़ी कमाई अधिकारी लूटने दे रहे हैं।। आलम यह है कि अधिकारी सिर्फ पद पर बने रहने के लिए परिक्रमा कर रहे हैं जबकि विभागीय राजस्व से उनको कोई फर्क पड़ता नही दिखाई दे रहा हैं।। आज भी कई सौ करोड़ बकायादारी प्रदेश भर में पुराने लाइसेंसे धारकों के द्वारा चुकानी है लेकिन मजाल है कि विभाग के मुलाजिम इस और रति भर भी ध्यान दे रहे है।। यदि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित किया जाए तो पता चलेगा कि अधिकारी विभाग के दफ्तरों में कितना समय बिताते है और विशेष इलाके में कितनी मेहनत करते है। यदि खुलासा हुआ तो विभाग की असली हकीकत सबके सामने आ जाएगी।। चंद ऐसे अधिकारियों की वजह से ही विभाग गर्त में चला गया है।। एक के बाद एक हो रहे कांड के बाद आदेश निर्देश जारी हो रहे हैं।। लेकिन सतत चलने वाली प्रक्रिया विशेष इलाके से ही संचाली होती है। सुबह से शाम तक इस विशेष इलाके में अधिकारियों का जमावड़ा रहता है। जिससे हालत बद से बत्तर हो रहे है।
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