रुड़की: उत्तराखंड प्रदेश में निकाय चुनाव में सियासी सरगर्मियां अपने चरम पर है, प्रदेश में 6 नामांकन कांग्रेस पार्टी के कैंसिल हुए, इसी क्रम में भगवानपुर नगर पंचायत से चुनाव लड़ रहे एक बागी प्रत्याशी का मामला सामने आया है, दरअसल भगवानपुर नगर पंचायत से बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश धीमान पर सरकारी तंत्र और पार्टी के नेताओं ने उनपर दबाव दबाव बनाया गया, जिससे वह डिप्रेशन में आ गए और उनकी तबीयत बिगड़ गई, आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां पर उनका उपचार चल रहा है।
कहते हैं इश्क और राजनीति की जंग में सब जायज़ है, लेकिन राजनीति में एक लक्ष्मण रेखा भी होती है, जिसे पार कर जाना मतलब लोकतंत्र का गला घोंटना कहते हैं, दरअसल मामला भगवानपुर नगर पंचायत चुनाव से जुड़ा है, यहां पर भाजपा से टिकट के दावेदार नरेश धीमान को जब भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो वो निर्दलीय मैदान में उतर गए, लेकिन आज अचानक नरेश धीमान भगवानपुर के आरोग्यम अस्पताल में भर्ती हो गए और मीडिया के सामने फुट-फुटकर रोने लगे, इस दौरान उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं समेत पुलिस प्रशासन पर नामांकन न करने को लेकर धमकाने और मानसिक उत्पीड़न करने के आरोप लगाए, हालांकि उनके द्वारा लगाए गए आरोप बेहद संगीन हैं, इस दौरान उनके परिजनों ने बताया कि उन्हें लगातार रात भर से दबाव बनाने के लिए फोन कॉल्स आ रहे है और उन फोन कॉल्स के कारण इतना प्रेशर हुआ कि इनकी तबियत बिगड़ गई, उन्होंने भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि वो डरेंगे नहीं, उधर भगवानपुर प्रभारी भगवान सैनी और बीजेपी नेता सुबोध भी अस्पताल में पहुंचे थे, इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी बागी नेताओं को मनाने में जुटी हुई है, वहीं भाजपा प्रभारी भगवान सैनी ने मीडिया के कैमरे के सामने बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन जब उनपर जोर देकर पार्टी के नेताओं के दबाव के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा कि वो बाद में बाइट देंगे, साथ ही पूछने पर उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया, बल्कि कैमरा बंद करने के लिए कैमरे के सामने हाथ कर दिया।