देहरादून- उत्तराखंड के नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह के लिए बढ़ा दिया गया है। सभी निकायों का कार्यकाल 2 दिसंबर 2023 को समाप्त होने के बाद प्रशासकों की नियुक्ति की गई थी। प्रशासकों के 6 महीने का कार्यकाल 2 जून को समाप्त होने के चलते यह आदेश उत्तराखंड शासन शहरी विकास अनुभाग-3 के प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने दिए हैं। कुल मिलाकर देखा जाए तो उत्तराखंड में नगर निकायों के निर्वाचन की प्रक्रिया अब 3 महीने के लिए और बढ़ गई है। उत्तराखंड में 103 नगर निकाय हैं जिनमें से 98 नगर निकायों में निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी की जाती है और तीन निकायों में प्रशासक ही जिम्मेदारी निभाते हैं।

 

निकायों के प्रशासकों के कार्यकाल को बढ़ाए जाने के इस आदेश में प्रमुख सचिव ने बताया है कि प्रदेश में लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता प्रभावी होने के कारण नगर निकायों की निर्वाचन प्रक्रिया संपन्न होने में देरी हो रही है। इसके चलते प्रशासकों का कार्यकाल तीन माह और नगर निकायों के बोर्ड का गठन, जो भी पहले हो तब तक के लिए विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा है कि दिसंबर 2023 से सभी नगर निकायों में कार्यकाल पूरा होने के बाद प्रशासक तैनात किए गए थे।

 

एक्ट के हिसाब से यह प्रशासक दो जून यानी छह माह तक के लिए ही तैनात हो सकते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव की आचार संहिता 6 जून तक लागू है। लिहाजा, निकाय चुनाव इससे पहले नहीं हो पाए हैं। ऐसे में इनके कार्यकाल बढ़ाए गए हैं। वही प्रदेश के शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार समय से चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन आचार संहिता लागू होने के चलते प्रक्रिया में देरी हुई है। सरकार को कानूनी और संवैधानिक मान्यताओं का पालन करना होता है।

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